रायपुर, 08 जनवरी। Raj Bhavan Vs State Govt : आरक्षण को लेकर राजभवन और राज्य सरकार में तल्खी जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर आरक्षण को लेकर राज्यपाल अनुसूईया उइके पर एक और हमला बोला है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के होने वाले जिलों के दौरे पर सीएम भूपेश बघेल का बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपने दायरे में काम करना चाहिए।
अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं करना चाहिए
अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने राज्य सरकार से सवाल पूछे इसका उन्हें अधिकार नहीं, राज्यपाल राष्ट्रपति की मनोनीत प्रतिनिधि हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में उतरकर काम करना निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का काम है। राज्यपाल का काम सीधे फील्ड में उतरकर देखना नहीं है। संविधान में कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका के अधिकार बंटे हैं।
राज्यपाल पर राजनीति का आरोप
भूपेश बघेल ने कहा, संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने अधिकार और कर्त्तव्य का ध्यान रखना चाहिए। उसका अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। अभी राज्यपाल जी ने अतिक्रमण किया। राज्य सरकार से 10 सवाल पूछ रही हैं। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। विधानसभा से जो बिल पारित हुआ है। उस पर हस्ताक्षर करना चाहिए अथवा वापस लौटाना चाहिए। कर्नाटक में अभी 61% आरक्षण की बात सुनाई दे रही है। 56% तो पहले था अभी 61% करने वाले हैं। वहां राज्यपाल दस्तखत कर रहे हैं, यहां राज्यपाल राजनीति कर रही हैं। राजभवन के माध्यम से राजनीति कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के दौरे से जुड़े सवाल पर कहा, अब आप दौरा करेंगी। समस्याओं का निदान करेंगी। मंत्रिमंडल आपको सलाह देने के लिए है। आपके पास कोई समस्या आती है, कोई जानकारी आती है तो उसे आप सरकार को सौंप दें। सरकार से जानकारी लें। यह उनका कार्य है। वे फील्ड में जाकर सीधा काम नहीं करेंगी। उसको यहां मनोनीत किया गया है, वह निर्वाचित नहीं है। यह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि जनता की समस्याओं का निदान करने का काम करें। कार्यपालिका अलग है, विधायिका अलग है। न्यायपालिका का भी कार्य बंटा हुआ है। संविधान के दायरे में रहकर सबको काम करना है। ये राष्ट्रपति की प्रतिनिधि के रूप में यहां हैं।