रायपुर, 29 दिसम्बर। Malaria Free Chhattisgarh Campaign : छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का सातवां चरण पूर्ण कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अभियान के सातवें चरण में बस्तर संभाग के चार मलेरिया संवेदी जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा के दुर्गम व दूरस्थ गांवों के एक लाख 83 हजार 796 घरों में पहुंचकर मलेरिया की जांच की। चारों जिलों में विगत 1 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक संचालित अभियान में कुल नौ लाख 30 हजार 820 लोगों में मलेरिया की जांच की गई। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए 7930 लोगों का तत्काल इलाज शुरू किया गया। प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पिछले छह चरणों के अच्छे नतीजे आए हैं। वर्ष 2018 में 2.63 वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) वाले छत्तीसगढ़ की एपीआई अब घटकर 2022 में 0.92 पर आ गई है।
सातवें चरण में स्वास्थ्य विभाग के 1959 सर्वे दल
संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सातवें चरण में स्वास्थ्य विभाग के 1959 सर्वे दलों द्वारा चार जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा में एक लाख 83 हजार 796 घरों में मलेरिया की जांच की गई है। इन दलों को ग्राम स्तर, विकासखण्ड स्तर और जिला स्तर पर प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सर्वे दल में शामिल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और मितानिनों ने घर-घर जाकर मलेरिया की जांच की। सर्वे दलों ने लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक कर उन्हें मच्छरदानी के नियमित उपयोग के लिए प्रेरित किया। इस दौरान गांवों में घरों के आसपास जमा पानी और नालियों में डीडीटी व जले हुए तेल का छिड़काव किया गया। अभियान के दौरान लोगों को घरों को स्वच्छ रखने व घरों के आसपास मच्छर को पनपने से रोकने के उपाय भी बताए गए।
प्रदेश में मलेरिया मुक्त (Malaria Free Chhattisgarh Campaign) छत्तीसगढ़ अभियान का अच्छा प्रभाव देखा गया है। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हजार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हजार, पांचवें चरण में 14 लाख 36 हजार और छटवें चरण में 34 लाख 25 हजार लोगों की मलेरिया जांच की है। इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646, दूसरे चरण में 30 हजार 076, तीसरे चरण में 16 हजार 126, चौथे चरण में 9790, पांचवें चरण में 11 हजार 321 एवं छटवें चरण में 7180 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल उपचार किया गया।