कानपुर, 30 नवंबर। KHOONI SAJISH : यूपी के कानपुर से अवैध संबंध में कत्ल और कत्ल के पीछे की ऐसी साजिश का खुलासा हुआ है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है। वहां एक करोड़पति शिक्षक की अमीर पत्नी ने एक राज मिस्त्री के इश्क में पागल होकर ऐसी साजिश रच डाली कि पुलिस भी हैरान रह गई। उसने खुद अपने पति को मारने का फुलप्रूफ प्लान बनाया और फिर उसे अमील जामा पहनाया। ये मामला यूं तो महज एक एक्सीडेंट बनकर खत्म हो जाता, लेकिन मारे गए शिक्षक के घरवालों का शक इस मामले के खुलासे की वजह बन गया।
ये पूरी साजिश किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है। दरअसल, इस कहानी का आगाज़ एक साल पहले तब हुआ था, जब कानपुर के करोड़पति टीचर राजेश गौतम ने अपना मकान बनवाने का ठेका एक राजमिस्त्री शैलेंद्र सोनकर को दिया था। मकान बन रहा था। घर में शैलेंद्र सोनकर का रोज आना-जाना होता था। इसी दौरान उसकी मुलकाता टीचर राजेश की पत्नी पिंकी से हुई।पिंकी पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ बी.एड पास है। वो खूबसूरत भी है, लिहाजा, शैलेंद्र उस पर फिदा हो गया।
उधर, पिंकी भी खुद पर काबू नहीं रख पाई और शैलेंद्र के छलावे में फंसती चली गई। इसके बाद शैलेंद्र घर में ही पिंकी के साथ गुलछर्रे उड़ने लगा। दोनों के बीच संबंध बन गए। कुछ महीनों तक तो ये सब चलता रहा। दोनों अवैध संबंध के रास्ते पर काफी आगे निकल गए, लेकिन एक दिन राजेश को अपनी पत्नी की इस करतूत के बारे में भनक लग गई। इसके बाद राजेश का अपनी पत्नी पिंकी से झगड़ा शुरू हो गया।
यही नहीं, राजेश ने अपने घर में शैलेंद्र की एंट्री बैन कर दी। अब पिंकी काफी परेशान थी। वो शैलेंद्र के प्यार में होश खो बैठी थी, लिहाजा, उसने अपने प्रेमी शैलेन्द्र सोनकर के साथ मिलकर एक प्लान बनाया। अपने पति को रास्ते से हटाने का प्लान।पिंकी जानती थी कि उसके अमीर पति का डेढ़ करोड़ का बीमा है। उसकी मौत के बाद वो रकम भी उसे मिल जाएगी और साथ में कई करोड़ की प्रॉपर्टी भी।
प्लान बड़ा था। लिहाजा, शैलेंद्र सोनकर ने अपने चचेरे भाई विकास सोनकर को भी अपने साथ शामिल कर लिया। फिर दोनों ने एक ड्राइवर सुमित कठेरिया को भी इस साजिश का हिस्सा बनाया। असल में शैलेंद्र ने विकास सोनकर और सुनील कठेरिया को चार लाख रुपये की सुपारी दी थी।
एडीसीपी अंकित शर्मा ने बताया कि टीचर राजेश हर रोज मॉर्निंग वॉक पर जाते थे। इसलिए आरोपियों ने उसी वक्त उन्हें मारने का प्लान बनाया। साजिश के तहत प्लान ये था कि टीचर राजेश का एक्सीडेंट करके उसे खत्म कर दिया जाए। ताकि को किसी को भी यह मामला हत्या का नहीं बल्कि एक्सीडेंट का ही लगे। प्लान के मुताबिक, एक्सीडेंट करने के लिए 4 नवंबर का दिन तय किया गया।
उस दिन टीचर राजेश रोज की तरह वॉक पर निकले थे। शैलेंद्र, विकास और सुमित पूरी तरह से तैयार थे। एक कार में शैलेंद्र और सुमित बैठे थे। जबकि सुमित किसी की इको कार लेकर आया था। जबकि विकास किसी की वैगन आर कार मांग कर लाया था। राजेश अलसुबह सेनपारा इलाके में पहुंचे। वह सुबह 5:30 बजे के करीब जब स्वर्ण जयंती विहार में सड़क पर टहल रहे थे, ठीक उसी समय सुमित और शैलेंद्र ने इको कार राजेश को कुचल डाला और उनकी हत्या कर दी।
फिर उसी दौरान उनकी कार सामने वाले बिजली के पोल से जाकर टकरा गई. जब ये सब हुआ तो लोग वहां जमा होने लगे।पीछे से आ रही विकास की कार को सुमित और शैलेंद्र ने फोन करके बुलाया और चुपचाप उसमें बैठ कर वहां से फरार गए।
पुलिस ने भी शुरुआत में इस घटना को एक्सीडेंट ही माना था, क्योंकि अमूमन सुबह जब लोग टहलने आते हैं, तो कई बार इस तरह के एक्सीडेंट हो जाते हैं। लेकिन इस दौरान राजेश के भाई ब्रह्म दत्त ने पुलिस के सामने शक जताया कि उनके भाई की हत्या की गई है, क्योंकि राजेश ने कई दिन पहले अपने घरवालों को बताया था कि कोई उनका पीछा करता है। उनकी हत्या भी की जा सकती है।
भाई की शिकायत के बाद आखिरकार 10 दिनों बाद पुलिस ने मौका-ए-वारदात के आस-पास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की. पुलिस ने एक कैमरे की फुटेज में देखा कि जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ था और जिस गाड़ी से एक्सीडेंट करने वाले भागे थे। वह दोनों गाड़ी पहले एक साथ खड़ी थीं. एक साथ ही आई थीं। इससे साफ हो गया कि राजेश की मौत एक्सीडेंट नहीं बल्कि हत्या भी हो सकती है।
तब पुलिस ने हत्या की एफआईआर दर्ज की। फिर मर्डर के एंगल से छानबीन का आगाज़ हुआ। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि राजेश का कुछ दिनों से अपनी पत्नी पिंकी के साथ अक्सर विवाद होता था। पुलिस ने इस दौरान एक्सीडेंट करने वाली गाड़ी का पता लगाया तो उसमें देखा कि उस पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी। इससे साफ हो गया कि राजेश की हत्या ही की गई है। अब पुलिस ने राजेश की पत्नी पिंकी के मोबाइल नंबर को चेक किया।
पुलिस को पता चला जिस दौरान राजेश का एक्सीडेंट हुआ था। उस दौरान एक नंबर से उनका फोन आया था और जिस नंबर से फोन आया था। उसकी लोकेशन एक्सीडेंट वाली जगह पर ही थी। पुलिस ने उस नंबर का पता किया तो मालूम हुआ कि वह नंबर शैलेंद्र सोनकर नाम के आदमी का है। इसके साथ-साथ शैलेंद्र की अक्सर पिंकी से बातचीत भी सीडीआर में पाई गई। इसके बाद पुलिस ने चुपचाप शैलेंद्र को पकड़ कर पूछताछ शुरू की।
उधर, पिंकी ने अपने घर में कोई पदार्थ खा लिया। जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान पुलिस उससे पूछताछ नहीं कर पाई। 10 दिनों बाद जब पिंकी ठीक होकर घर आई, तो थानेदार पवन कुमार और एसीपी अशोक शुक्ला की टीम ने शैलेंद्र और पिंकी से एक साथ पूछताछ शुरू की। यही वो वक्त था, जब राजेश की हत्या का राज खुलने में देर नहीं लगी।
पुलिस के मुताबिक, पिंकी को लगता था कि राजेश को उसके और शैलेंद्र के संबंध के बारे में पता चल गया है, इसलिए उसे रास्ते से हटा देना ही ठीक है। राजेश की 1 करोड़ और 50 लाख की दो पॉलिसी थी। पिंकी और शैलेंद्र का प्लान था कि राजेश की हत्या को एक्सीडेंट दिखाकर डेढ़ करोड़ की पॉलिसी का पैसा ले लेंगे। उसके साथ ही राजेश के पास 45 करोड़ की जमीन भी है, जिसकी वारिस पिंकी बन जाती। इसके बाद उन दोनों का प्लान शादी करके साथ रहने का था।
इस दौरान अपने प्रेमी (KHOONI SAJISH) की चाहत में पिंकी ने अपने दो मासूम बच्चों का भी ख्याल नहीं किया। वो दोनों बच्चे राजेश और उसकी संतान हैं। इस मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने कातिल पत्नी पिंकी और उसके प्रेमी शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। फिर उनकी निशानदेही पर शैलेंद्र के चचेरे भाई विकास को भी गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि कार से एक्सीडेंट करने वाला सुमित अभी तक फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।