High Court : 55 साल से ज्यादा उम्र के अधिकारी-कर्मचारी का नक्सल जिले में नहीं होगा स्थानांतरण, हाईकोर्ट ट्रांसफर पर लगाई रोक
![High Court Decision: The person recording the call may face two years' imprisonment, High Court gives big decision](https://navbhaskarnews.com/wp-content/uploads/2023/02/C4DE9D38-A4A5-423B-860B-CED968FB64F1.jpeg)
भिलाई, 02 फरवरी। High Court : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भिलाई 3 शासकी महाविद्यालय में पदस्थ एक महिला सहायक प्राध्यापक को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने महिला प्राध्यापक के तबादला आदेश पर रोक लगा दी है।
दुर्ग जिला के भिलाई शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ मंजू डांडेकर का तबादला नक्सल प्रभावित जिला कांकेर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में कर दिया गया था। मंजू डांडेकर ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दिया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने न्यायालय के सामने 3 जून 2015 की छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग की दलील दी। जिसमें कहा गया है कि महिला अधिकारी-कर्मचारी एवं 55 वर्ष से अधिक उम्र के अधिकारियों-कर्मचारियों का अनुसूचित (नक्सल प्रभावित) जिलों में स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।चूंकि याचिकाकर्ता की उम्र 60 वर्ष है और वह महिला कर्मचारी का स्थानांतरण सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण पॉलिसी का घोर उल्लंघन (High Court) है।
इसके साथ ही अधिवक्ता ने अपनी दलील में बताया कि याचिकाकर्ता का पुत्र रायपुर की एक निजी यूनिवर्सिटी में बीएएलएलबी की पढ़ाई कर रहा है और उसे प्रतिदिन भिलाई 3 से रायपुर आना-जाना पड़ता है।
पढ़ाई के मिड सेसन के दौरान सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, रायपुर द्वारा याचिकाकर्ता का किया गया स्थानांतरण सुप्रीम कोर्ट द्वारा डायरेक्टर ऑफ स्कूल एजुकेशन, मद्रा. एवं अन्य विरूद्ध ओ. करूप्पा थेवन एवं अन्य के बाद में पारित न्यायदृष्टांत का घोर उल्लंघन है।मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने महिला सहायक प्राध्यापक के स्थानांतरण आदेश पर स्टे दे दिया है।