रायपुर, 28 फरवरी। 3 years imprisonment : विशेष लोक अभियोजक यास्मिन बेगम ने बताया कि डीडी नगर थाना अंतर्गत रहने वाली किशोरी महासमुंद स्थित अपने गृहग्राम गई थी। इस दौरान गांव में रहने वाला सुजीत कुमार प्रधान(22) ने पहचान बढ़ाई। रायपुर वापस लौटने पर वह मुलाकात करने के लिए किशोरी पर दबाव बनाने लगा। साथ ही स्कूल आते-जाते समय उसका पीछा करने लगा। इसके बाद भी बातचीत और मुलाकात नहीं करने पर उसके माता-पिता पिता की हत्या करने की धमकी दी। डर के मारे किशोरी ने मुलाकात करने की सहमति दी।
जुलाई 2016 को स्कूटी से आते समय अपनी मोटरसाइकिल से ठोकर मारा। इससे वह अनियंत्रित होकर अपनी वाहन से गिर पड़ी। इस दौरान घायल होने पर आरोपी जवान उसे उपचार के लिए अस्पताल ले गया। इसके बाद बहाने से प्रोफेसर कालोनी स्थित अपने भाई के सूने मकान में ले गया। जहां नशीली दवाई मिलाकर खाने को पुलाव दिया। इसके खाते ही वह बेहोश हो गई। इस दौरान अपने मोबाइल से अश्लील वीडियो बनाया। होश में आने के बाद उसे दिखाया। मुलाकात नहीं करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इससे वह डर के मारे सहम गई।
गुमसुम रहने पर परिजनों को हुआ संदेह: इस घटना के बाद किशोरी के गुमसुम रहने पर परिजनों ने पूछताछ की जहां पूरा मामले का पता चला। बीएसएफ जवान की करतूत को देखते हुए वह अपनी पुत्री को खुद स्कूल छोडऩे और लाने के लिए जाते थे। इससे आक्रोशित होकर उसने किशोरी की फर्जी फेसबुक आईडी बना कुछ फोटो वायरल किया।
अपहरण और हत्या की धमकी: इस घटना के बाद चुप रहने पर वह किशोरी पर तेजाब फेकने, सुपारी देकर अपहरण कर हत्या करवाने की धमकी देने लगा। साथ ही 5 लाख रुपए देने की मांग की। अलग-अलग मोबाइल से धमकी देने पर किशोरी के पिता ने 2017 में डीडी नगर थाना में पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई।
जहां पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह के बयान करवाए गए। फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने पुलिस की केस डायरी और गवाहों के बयान के आधार पर 3 वर्ष के कारावास और 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।