रायपुर, 12 जनवरी। 2 crore embezzlement case : डब्ल्यूआरएस में हुए करीब 2 करोड़ रूपए के गबन के मामले में विजिलेंस और रेलवे अधिकारियों ने एक छोटे कर्मचारी को इस पूरे खेल का मुख्य आरोपी बनकर एफआईआर करवा दी और इस गबन का मुख्य सरगना बना दिया। जिस कर्मचारी को इस गबन का मुख्य आरोपी बनाया गया है वह ओएस है। लेकिन उक्त कर्मचारी जिन अधिकारियों के अधीन रहकर ये पूरा खेल करता था उसके खिलाफ अब तक रेलवे ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
सूत्रों से पता चला है कि AWM विशाल जैन और Dy CME महेश कुमार के कई ऐसे ब्लैक चेक मिले है, जिसमें उनके हस्ताक्षर है। हैरानी की बात तो ये है कि वो चेक इतने ज्यादा अमाउंट के है जिसके के लिए उक्त खाता अधिकृत ही नहीं है। यानी जिस अकाउंट के खर्च करने की लिमिट 10-15 हजार रूपए है, उस अकाउंट के करीब 2-3 लाख रूपए के ब्लैंक चेक उक्त दोनो अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर दिए।
वहीं जिस विभाग में ये गबन हुआ है उस डिपार्टमेंट के Chief OS है पी किशोर। जिनके अधीन मुख्य आरोपी और सटोरी काम करता है। लेकिन पी किशोर यूनियन के नेता है, यही कारण है कि उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि पी किशोर ये बहुत अच्छे से जानते थे कि गबन के मुख्य आरोपी की पदस्थापना पीसीओ-1 में है और वह वहां हस्ताक्षर कर उनके डिपार्टमेंट में काम कर रहे है। बावजूद इसके वे मौन रहे और मुख्य आरोपी रेलवे के शासकीय पैसे को सटेरियों के अकाउंट में ट्रांसफर करता रहा। हालांकि पी किशोर पर भी अभी तलवार लटक रही है, क्योंकि विजिलेंस की टीम उनकी पूरी कुंडली यानी सर्विस रिकार्ड को अपने साथ बिलासपुर ले गई है।
वहीं इस मामले में राजधानी रायपुर के खमतराई थाने में मामला दर्ज होने के बाद लगातार उन लोगों की गिरफ्तारी हो रही है जिनके अकाउंट में रेलवे के शासकीय पैसे ट्रांसफर हुए है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पुलिस की पड़ताल आगे बढ़ने के बाद इसमें कुछ रेल अफसर भी गिरफ्तार हो सकते है।