
नवभास्कर न्यूज. चंडीगढ़ः निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर चल रही लूट पर हरियाणा सरकार ने अंकुश लगा दिया है । हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने अब दिल्ली की तर्ज पर निजी अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेजों में कोरोना इलाज की दर तय कर दी हैं।
कोरोना मरीज निजी अस्पतालों में हो रही कथित लूट के खिलाफ लगातार सरकार से शिकायत कर रहे थे। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम मंडलायुक्त अशोक सांगवान की अध्यक्षता में निजी अस्पतालों से चर्चा करके कोरोना इलाज की दर तय करने का आदेश दिया था। इसके बाद 18 जून को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या पर चिंता जताते हुए अधिकारियों की बैठक ली तो तत्काल प्रभाव से निजी अस्पतालों में इलाज की दर तय करने का आदेश दिया।
क्या कहना है निजी अस्पताल प्रबंधन काः निजी अस्पतालों के प्रबंधन का कहना है कि इस कोरोना काल में उनके अस्पतालों के खर्च डबल हो गए हैं क्योंकि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ के वेतन डबल देने पड़ रहे हैं। इसके अलावा एक कमरे में सिर्फ एक ही मरीज को रखा जा रहा है। इस दौरान कुछ अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाॅफ भी संक्रमित हुए हैं, जिसके चलते डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ ने नौकरी भी छोड़ दी हैं।
दो श्रेणियों में बांटाः कोरोना इलाज की दर तय करने के लिए डॉ.वीके पॉल कमेटी ने अस्पतालों की दो श्रेणी रखी हैं, इनमें एक नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पीटल एंड हेल्थकेयर से मान्यता प्राप्त और दूसरी श्रेणी गैर मान्यता प्राप्त की है। मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त अस्पतालों के बेड शुल्क में प्रतिदिन दो हजार रुपये का अंतर रखा गया है। जबकि आइसीयू बिना वेंटीलेटर के साथ दो हजार और आइसीयू वेंटीलेटर के साथ तीन हजार रुपये का अंतर रखा गया है। इतना ही नहीं सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इलाज की दरों में दवा का खर्च व पीपीई किट का शुल्क भी शामिल होगा।
यह तय की गई हैं प्रतिदिन की दरः
श्रेणी नई दरें, पुरानी दरें
आइसोलेशन बेड 8000-10,000, 24,000-25,000
I.c.u बिना वेंटिलेटर13,000-15,000, 34,000-43,000
आइसीयू वेंटिलेटर के साथ, 15,000-18000, 44,000-72,000
नोटः(इन दरों में दवा का खर्च और पीपीई किट का चार्ज भी शामिल है)
(रिपोर्टःयोगेश अग्रवाल)