
नवभास्कर न्यूज.फरीदाबाद: स्कूलों को दोबारा खोले जाने को लेकर एनसीईआरटी ने अपनी गाइडलाइन तैयार कर मंत्रालय को सौंपी हैं। गाइडलाइन में स्कूल खुलने पर पढ़ाई किस तरह शुरू की जा सकेगी तथा बच्चों, पेरेंट्स और टीचर्स को किन बातों का विशेष ध्यान देना होगा, साथ ही स्कूल बस से लेकर बच्चों के स्कूल में आने जाने तक की पूरी डीटेल चर्चा की गई हैं।
ड्राफ्ट को लेकर सभी राज्यों के शिक्षा सचिव से चर्चा कर उसे गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया है। जिस पर सहमति के बाद और राज्यो के हालात को देखते हुए अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
एनसीईआरटी की रिपोर्ट में स्कूल खुलने के बाद रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने या फिर दो शिफ्टों में कक्षाएं लगाने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में ये भी सिफारिश की गई है कि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने के लिए अगर संभव हो तो कक्षाएं खुले मैदान में लगाना बेहतर होगा।
यह दिए हैं सुझावः
-पहले चरण में 9वीं से लेकर 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
-इसके बाद के चरण में छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी।
-तीसरे चरण में तीसरी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई होगी।
-कंटेनमेंट जोन के स्कूल ग्रीन जोन बनने तक बंद ही रहेंगे।
– कुछ बदलाव स्कूल प्रशासन को इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर बदलाव करके करना होगा। जिसमें क्लास में स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी। एक कमरे में 20 या 25 बच्चे होंगे।
-क्लासरूम के दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी और एसी नहीं चलाए जा सकेंगे।
-बच्चे ऑड-ईवन के आधार पर बुलाए जाएंगे, लेकिन होम असाइनमेंट प्रतिदिन देना होगा।
– बच्चे सीट न बदलें, इसके लिए डेस्क पर नाम लिखा होगा। रोज वहीं बैठना होगा।
-कक्षाएं शुरू होने के बाद हर 15 दिन में बच्चे की प्रोग्रेस को लेकर पेरेंट्स से बात करनी होगी।
-कमरे रोजाना सैनिटाइज हों, ये सुनिश्चित करना प्रबंधन का काम होगा।
– मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होगा।
– स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी।
-स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे। -बच्चों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर करने की मनाही होगी।
– बच्चों को अपना पानी साथ लाना होगा। हर बच्चे के लिए मास्क पहनना जरूरी होगी।
-स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल न रखने पर बच्चे के पेरेंट्स को सूचित किया जाएगा।
-चिकित्सा, सुरक्षा या सफाई संबंधी कामों से जुड़े पेरेंट्स को इसकी सूचना पहले ही स्कूल को देनी होगी।
-उन्हीं अभिभावकों को शिक्षकों से मिलने की अनुमति होगी जो फोन पर संपर्क करने की स्थिति में नहीं होंगे। पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग नहीं होगी।
ट्रांसपोर्ट को लेकर जल्द ही गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।
रिपोर्टःयोगेश अग्रवाल