
नवभास्कर न्यूज (रिपोर्टःयोगेश अग्रवाल).
.विवादों के बाद मौलाना साद फरार हैं
.पुलिस उन्हें तलाश रही है
.साद तबगीली जमात के फाउंडर मेंबर के पोते हैं
भारत में लगातार बढ रहे कोरोना वायरस के मामलों के साथ तबलीगी जमात सोशल मीडिया से लेकर मुख्य मीडिया तक सुर्खियों में है। साथ ही तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी भी अब पुलिस के रडार पर आ गए हैं। पुलिस ने उन पर लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने के लिए केस दर्ज किया है। विवादों के बाद सेे हीी मौलाना फरार हो गए हैं और पुलिस उनकी तलाश जोर शोर से कर रही है। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तबलीगी समाज के इस कदम को तालिबानी ठहराया है।
कौन है मौलाना सादः 56 साल के मौलाना साद ही उस कार्यक्रम के आयोजक थे जिसकी वजह से देशभर में अब तक कोरोना की वजह से 11 मौत हो चुकी हैं और 150 पॉजिटिव मामले पाए गए हैं। 10 मई 1965 को जन्में मौलाना साद दरअसल तबगीली जमात के फाउंडर मेंबर मौलान मुहम्मद इलियास के पोते हैं। वो जमात के निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख हैं। सबसे बडी बात यह है कि उनके अनुयायी दुनिया के 213 मुल्कों में फैले हुए हैं।
2015 में बने जमात के प्रमुखः16 नवंबर 2015 को साद जमात का प्रमुख बने । इसके पहले साद 20 सालों तक शूरा (केंद्रीय समिति) के सदस्य रहे। ये समिति जमात का सबसे महत्पूर्ण और ताकतवर अंग मानी जाती है।जमात के प्रमुख या अमीर का चयन यही शुरा करती है। इसके अलावा जमात के अन्य बुजुर्ग सदस्यों की राय भी ली जाती है। प्रमुख का पद मृत्यु तक के लिए होता है। किसी प्रमुख की मृत्यु के बाद ही दूसरा प्रमुख चुना जाता है।
क्यों तलाश रही है पुलिसः पुलिस के मुताबिक मौलाना साद के साथ अन्य 6 लोगों पर भी एफ.आई.आर दर्ज की गई है। एफ.आई.आर. के मुताबिक साद और अन्य 6 लोगों मुफ्ती शहजाद, मुहम्मद सैफी, युनुस, मोहम्मद सलमान, और मोहम्मद अशरफ ने लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया। बड़ा कार्यक्रम आयोजित करवाया जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ी। इसके बाद से साद फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।