
नवभास्कर न्यूज.बल्लभगढ,12 सितंबरःश्री राधे मित्र मंडल की ओर से चावला कॉलोनी स्थित अग्रवाल धर्मशाला में चल रहे 11 वें श्री राधा रानी जन्मोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन सोमवार को कथा व्यास श्री सुमेधानंद कार्ष्णि जी महाराज ने भक्तों को राधा रानी के प्राकट्य कथा का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण और राधा रानी एक ही है, क्योकि राधा ही कृष्ण है और कृष्ण ही राधा है।

श्री राधे मित्र मंडल के प्रधान मोहित गुप्ता ने बताया कि इस बार राधा अष्टमी का पर्व संस्था की ओर से 3 दिनों तक मनाया जा रहा है। समारोह के अंतिम दिन मंगलवार को सुबह सबसे पहले शिव मंदिर में अभिषेक होगा,इसके बाद अग्रवाल धर्मशाला में बाबा मदना पागल महामाई राधा रानी का भजनों के माध्यम से गुणगान करेंगे। इसके पश्चात प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया जाऐगा।
राधा रानी जन्मोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन सोमवार को कथा व्यास श्री सुमेधानंद कार्ष्णि जी महाराज ने भक्तों को राधा जी के प्राकट्य की कथा सुनाते हुए कहा कि राधा जी के पृथ्वी पर जन्म लेने से पूर्व स्वयं इस सृष्टि के रचयिता पालनहार यानी कि ब्रह्मा जी,विष्णु जी ओर शंकर जी सभी देवी देवताओं के साथ बधाई गाने व राधा जी के दर्शन करने के लिए ब्रज में आये और पृथ्वी पर जन्म लिए मनुष्यों के साथ घुल मिलकर राधा जी के प्राकट्य के भजन गायन कर, बधाई गायन, नाचकर,झूमकर खूब मस्ती के साथ जन्मोत्सव का आनन्द लिया। उन्होंने भगवत प्रेमियों को बताया कि राधा नाम उच्चारण करने से मनुष्य की जीभा व आत्मा दोनों शुद्ध होती है। मनुष्य को जितना हो सके सुबह हो या शाम चाहे आसान लगाकर या फिर सफर में चलते चलते जैसे भी हो सके राधा नाम जपना चाहिए,क्योकि राधा जी के रा शब्द जीभा पर आने से शरीर के सभी विकार दूर होते है और मनुष्य के अंदर से रा बोलने पर जो गर्म हवा निकलती है वो मनुष्य की आत्मा को शुद्ध करती है। और धा नाम जब जीभा से निकलता है तो वो मनुष्य की उस गर्म हवा रूपी गलत विकारों को आगे की तरफ धक्का देकर मनुष्य के जीवन से दूर करने का काम करता है। इसलिए मनुष्य को सदा ही राधा नाम उच्चारण करते रहना चाहिए, जिससे उसके जाने अनजाने में किये गए सभी पापों का नाश हो जाये और उसको प्रभु भक्ति मिल जाये। उन्होंने अपनी कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जिस घर मे राधा नाम का उच्चारण व राधा नाम का संकीर्तन होता है वहाँ ठाकुर जी सदैव विराजमान रहते है और उस घर परिवार की सदैव रक्षा करते है। उन्होंने कहा कि हमारे ठाकुर जी(कृष्ण जी)को राधा नाम अति प्रिय है। राधा जी ठाकुर जी की प्रियतम है और यह ठाकुर जी की 16008 पटरानी व रानियों से अलग है ।इसलिए हमारे महापुराणों में राधा कृष्ण के नाम की महिमा का ही व्याख्यान किया गया है। कथा व्यास श्री सुमेधानंद कार्ष्णि जी महाराज ने भक्तों को राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी भजन का रसपान कराया। इस भजन को सुनकर प्रांगण में बैठे हुए भक्त अपने आप को रोक नही पाए और खूब जमकर नाचे झूमे ओर राधा जी के जन्मोत्सव में अपनी हाजरी लगाई। उन्होंने राधा रानी कथा प्रेमियों से कहा कि
घर मे राधा राधा नाम जपो,
सब भव बंधन कट जाएंगे।
तुम्हारे राधा राधा नाम को सुनकर,
ठाकुर जी स्वयं तुम्हारे घर आएंगे।

इस कार्यक्रम में श्री राधे मित्र मंडल के प्रधान मोहित कुमार गुप्ता,रेवती प्रसाद गर्ग,प्रवीण गर्ग,दिनेश मंगला,पारस अग्रवाल,नितिन मित्तल,प्रमोद टिबड़ेवाल,रूपेश बंसल,तुलसी सिंगला,प्रदीप शर्मा,गौरव गर्ग,ललित मित्तल,गगन गर्ग आदि सदस्य विशेष रूप से मौजूद रहे।
(योगेश अग्रवाल.9810366590)