
नवभास्कर न्यूज.फरीदाबादः रोटरी डिस्ट्रिक्ट (3011) के 2023-24 हेतु डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने के लिए फिर से होने वाले चुनावों ने कुछ मायनो में सारे मामले को काफी रोचक बना दिया है। हालांकि अपनी साफ छवि एवं बेहतर रोटरी कार्यशैली एवं अनुभव के साथ साथ अत्यंत सरल स्वभाव वाले रोटेरियन अजीत जालान का पुनः चुना जाना लगभग तय ही है।
रोचक पहलू ये होगा कि डिस्ट्रिक्ट 3011 के एक वरिष्ठ पदासीन होने वाले माननीय महोदय अब किसको अपना उम्मीदवार बताकर वोट डलवाने की बिसात बिछाएंगे क्योंकि पिछली बार हुए चुनावों में उनके द्वारा एक महिला उम्मीदवार की पुरजोर पैरवी करते हुए अपने वर्ष के लिए चयनित टीम के सभी लोगो को उनकी जीत सुनिश्चित करने की हिदायत दे दी गयी थी जिसका पालन करने के लिए उनकी टीम ने पूरा जोर लगा दिया था किंतु जैसे ही अजीत जालान विजयी हुए तो माननीय महोदय के इरादों पर जैसे पानी फिर गया।
माननीय महोदय ने इसे उक्त महिला की नहीं बल्कि अपनी अप्रत्यक्ष हार मानते हुए इस चुनाव में धांधली की शिकायत करने का मन बना लिया और अपनी समर्थित महिला उम्मीदवार से आग्रह किया कि वे इस बाबत शिकायत करें किन्तु उक्त महिला उम्मीदवार ने इससे साफ तौर पर इनकार कर दिया गया। जोकि माननीय महोदय को काफी नागवार गुजरा। उसके बाद उन्होंने अन्य तीसरे स्थान पर रहे पराजित उम्मीदवार को अपना मोहरा बनाकर अजीत जालान एवं स्वयं की ही समर्थित उक्त महिला उम्मीदवार विरुद्ध ही शिकायत दर्ज करवा दी। इसके परिणामस्वरूप पूरे डिस्ट्रिक्ट में शिकायतकर्ता उम्मीदवार एवं माननीय महोदय की काफी मिट्टी पलीद हुई बताई जा रही है।
चूंकि रोटरी निदेशक मंडल द्वारा दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ हुई शिकायत को दरकिनार करते हुए चुनाव की पूरी प्रक्रिया को ही दोबारा किये जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं अब देखना ये है कि माननीय महोदय अपनी खुन्नस मिटाने के लिए क्या फिर से पाला बदलकर अपने नयें मोहरे को सपोर्ट करने का फतवा अपने प्यादों को सुनाते हैं या नहीं क्योंकि पूर्व समर्थित महिला उम्मीदवार ने उनकी बात ना मानकर पहले ही साफ कर दिया कि वे पद पाने के लिए गिरी हुई हरकतों में उनका सहयोग नहीं करेंगी।
अब अपनी किंग मेकर बनने की महत्त्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए माननीय महोदय द्वारा क्या नया पैंतरा खेला जाता है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। वैसे ये बात सदैव चर्चा में रहती है कि चाहे रोटरी नियमों को ताक पे रखना हो अथवा कोई भी गैर मर्यादित कदम उठाना हो वे किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं जिसका खामियाजा रोटरी की छवि को भुगतना पड़ता है।
खबर ये भी है की चुनाव में अपने मोहरे की सुनिश्चित हार को देखते हुए इन महोदय ने अपनी पैंतरेबाजी दिखाकर चुनावो को अपने कार्यकाल के वर्ष में करवाने का जुगाड़ कर लिया है। हालांकि रोटरी के आला अधिकारियों द्वारा इन माननीय महोदय के कुत्सित इरादों को सहयोग करने पर रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011 के लगभग सभी वर्तमान प्रधानों में अत्यंत रोष व्याप्त है।
उनका तर्क ये है कि यदि चुनाव अगले वर्ष में होगा तो एक तरफ तो उनके दिए हुए निर्णय का अपमान होगा और दूसरी ओर उनके मतदान करने के अधिकार का हनन भी होगा। कुछ प्रधानों द्वारा तो ये तक कहा जाने लगा है कि यदि ऐसी गिरी मानसिकता वाले लोग नेतृत्व करेंगे तो उनके क्लब के सभी सदस्य सामूहिक रूप से रोटरी की सदस्यता त्याग देंगें।
सर्वाधिक चौंकाने वाली बात ये है कि अगले रोटरी वर्ष में रोटरी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शेखर मेहता भी माननीय महोदय के सभी क्रियाकलापों से भलीभांति परिचित हैं किंतु अपना कार्यकाल ना होने के कारण कोई भी कार्यवाही करने में स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं । रोटरी की प्रथा के विरुद्ध हो रहे सभी कार्यों से वे संभवतः बहुत रोष में हैं और उनकी चुप्पी एक बड़े तूफान के आने का संकेत भी प्रतीत हो रही है। श्री शेखर मेहता रोटरी सदस्यों की संख्या में वृद्धि का प्राथमिक लक्ष्य लेकर चले हैं और किसी एक व्यक्ति के कारण इस लक्ष्य की प्राप्ति बाधित हो वो ऐसा कभी नहीं होने देंगे। इसीलिए ऐसा भी माना जा रहा है वे अपने कार्यकाल के आरंभ होते ही एक्शन मोड़ में आकर माननीय महोदय की सारी कारगुज़ारी का हिसाब बराबर करने का मन बना चुके हैं।
रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011 में अब ये मुद्दा एक भयंकर रूप लेकर सभी के मनों में रोष पैदा कर चुका है और एकमात्र व्यक्ति की महत्त्वाकांक्षा और कुत्सित इरादों पर रोटरी जैसे मानव सेवा के इरादों वाले संगठन की अस्मिता की बलि चढ़ने का कारण बनेगा। या समय रहते रोटरी के आला अधिकारी इन माननीय महोदय के हाथों की कठपुतली ना बनकर रोटरी की गिरती हुई साख को बचाने के लिए कदम उठाएंगे।