
नवभास्कर न्यूज. फरीदाबादः भारत की मुख्य भाषाओँ के प्रति सम्मान ,समानता एवं समरसता का भाव राष्ट्र के हर नागरिक में पैदा किया जा सके औऱ यह भाव पैदा किया जा सके कि माँ ,मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है इसी महान उद्देश्य को लेकर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ,गुजरात साहित्य अकादमी एवं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी प्रशासन गुजरात सरकार के तत्वावधान में भारतीय भाषा संगम राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिस में देश के 29 प्रान्तों से आए भिन्न भाषाओं के 230 विद्वानों ने शिरकत की है।
भारतीय भाषा मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजेश्वर ने बताया कि इस अधिवेशन में काश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक 29 राज्यों से 230 नामांकित भाषा विद विद्वानों ने भारतीय भाषाओं को राष्ट्र की धारा से जोड़ने के लिए विचार विमर्श किया .देश के भाषा विद ,भिन्न विश्व विद्यालयों के उपकुलपति ,संस्थानों के निदेशक ,प्रादेशिक अकादमिक संस्थानों के प्रतिनिधि ,महाविद्या लयों के प्रोफेसर ,वैज्ञानिक शब्दावली आयोग के पदाधिकारी ,शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के प्रतिनिधि,संगणक विभाग के भाषा विषेशज्ञों ने भाग लिया .शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा के भारतीय भाषा मंच के प्रदेश संयोजक डॉ बाँके बिहारी ने बताया कि हरियाणा प्रान्त से 12 प्रतिभागियों ने अधिवेशन में सहभागिता की।
भारतीय भाषा संगम के विमर्श मंथन का मुख्य विषय रहा भारतीय एकात्मता के आधा स्तोत्र ,शिक्षा ,शोध ,भारतीय भाषाएँ ,सूचना प्रद्योगिकी ,कृत्रिम और भारतीय भाषाएँ ,व्यापार व्यवसाय व वित्त क्षेत्र में भारतीय भाषाएँ ,व्यवहार में भारतीय भाषाएँ ,विधि एवं व्यापार क्षेत्र में भारतीय भाषाएँआदि विषयों को भाषा विदों ने विचार विमर्श का विषय बनाया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के क्रियान्वन।
भारतीय भाषा संगम राष्ट्रीय सम्मेलन में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव माननीय अतुल भाई ने प्रांतीय भाषाओं की महत्ता एवं आपसी संबन्धों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय भाषाओं के क्रियान्वन पर जोर दिया उन्होंने कहा भाषाओं की विविधता ही भारत की विशिष्टता है यह भारतीय संस्कृति का प्राणतत्व है अतः इसे बनाए रखना हर भारतीय का कर्तव्य है .उन्होंने बताया न्यास के द्वारा किए गए प्रयासों से देश के 12 राज्यों में प्रांतीय भाषा के माध्यम से उच्च शिक्षा का प्रारम्भ हो चुका है जिस में मेडिकल ,इंजीरियंग ,विधि एवं न्याय जैसे विषय शामिल हैं .प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी प्रांतीय भाषाओं के द्वारा परीक्षा देने का प्रावधान हो गया है .विभिन्न मंत्रालयों व कार्यालयों में भी अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृ भाषाओं के माध्यम से शिक्षा देने पर विशेष जोर दिया है।
सांस्कृतिक प्रवृतियाँ व प्रवासी विभाग मन्त्री श्री मूलू भाई बेरा ने कहा भारतीय भाषा संगम अधिवेशन जिस में भारत के प्रत्येक प्रान्तों से आये भाषाविदों ,विद्वानों एवं ज्ञानीजनों के द्वारा भिन्न भिन्न भाषओं पर किया जाना मंथन विमर्श भविष्य में भाषाओं के अभ्युदय के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगा उन्होंने कहा इस प्रकार के आयोजन भारतीय समाज में एकता समानता समरसता का संचार करते हैं .इस अवसर पर गोवा के महामहिम राज्य पाल श्री धरण पिल्लई ने शिविर की सार्थकता पर विचार प्रस्तुत करते हुए न्यास ,गुजरात साहित्य अकादमी एवं गुजरात प्रशासन के सुन्दर प्रयासों की सराहना की .उन्होंने भाषाओं के इतिहास ,अभ्युदय और समानीकरण पर प्रकाश डाला और कहा जिस देश प्रान्त की भाषा जितनी जीवन्त और प्राणवान होगी उतना ही वह राज्य देश प्रगति शील समृद्ध और जीवंत होगा .
पदम भूषण प्रो कपिल कपूर ,पदम श्री चमू कृष्ण शास्त्री जी ने भारतीय भाषाओं की उपादेयता और क्रियानन्वन पर व्यवहारिक और वैयाकरणिक दृष्टि से प्रकाश डाला.उन्होंने भारतीय भाषाओं की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डालते हुए भाषाओं की उतपत्ति और व्युतपत्ति पर प्रकाश डाला .भारत सरकार के अनुवादिनी टूल के जनक डॉ बुद्ध चन्द्र शेखर और माइक्रौसौफ़्ट के श्री बालेंदु शर्मा दधीचि ने भारतीय भाषाओं की तकनीकी के समन्वय पर प्रकाश डाला .अधिवेशन में भाषा विद चाँद किरण सलूजा ,श्री सुनील कुलकर्णी ,श्री आर चन्द्र शेखरन ,श्री अनिल जोशी ,श्री प्रेमपाल शर्मा ,श्री मृदुल कीर्ति ,श्री ए विनोद ,श्री अशोक कंडेल ,श्री प्रेम लता चुटैल ,दयालू जी ने अधिवेशन में भाषाओं की उपयोगिता पर विचार प्रस्तुत किये .इस अधिवेशन में भारतीय भाषा मंच के हरियाणा प्रान्त के संयोजक लेखक साहित्यकार डॉ बाँके बिहारी ,प्रवक्ता भारती शर्मा ,अग्रवाल कालेज के प्रवक्ता प्रो देवेन्द्र एवं प्रो सुभाष ,डॉ सुमन रानी ,कवि संगीतकार राजेंद्र सिंह ,शैलेन्द्र गौतम ,डॉ जलवंत सिंह Diet,डॉ सुबोध ,भारत भाषा अभियान के संयोजक जयभगवान जी और आनन्द जी 12 प्रतिनिधियों ने अधिवेशन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
(योगेश अग्रवाल.9810366590)