
नवभास्कर न्यूज.हरियाणाः जवाहर नवोदय विद्यालय देश का अग्रणी शिक्षण संस्थान है । शिक्षा के क्षेत्र में नवोदय विद्यालयों की अपनी अलग पहचान है, इसका प्रमुख कारण विद्यालय में शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी और विद्यार्थियों के बीच आपसी समन्वय है । विगत कई वर्षों से नवोदय विद्यालय ने देश के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों के बीच एक नई मिसाल पेश की है ।
पिछले एक वर्ष में जहां वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पूरे देश की परिस्थितियां बदल दी है और विद्यार्थियों के मन में भय और आशंका के भाव पनपने लगे हैं, इस विकट परिस्थिति में भी नवोदयकर्मियों ने विद्यालय के बच्चों को मानसिक एवं शैक्षणिक रूप से मजबूत रखा है जिससे कि उनका मनोबल ऊंचा रह सके । परंतु प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता एवं अफसरशाही की वजह से नवोदय विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के बीच निराशा का भाव पैदा हो रहा है ।विद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों ने पूर्णरूप से अपनी सेवा देने में कोई कमी नहीं की है लेकिन उन्हें अधिकारियों द्वारा हमेशा छला गया है, जब पूरे देश पर कोरोना का आतंक पसरा था, उस समय भी विद्यालय में कार्य करने की बाध्यता और विद्यालय में उपस्थिति की अनिवार्यता ने विद्यालयों में कार्य करने वाले सैकड़ों साथियों को उनके परिवार से जीवन भर के लिए अलग कर दिया, यह निश्चित ही प्रशासनिक भूल थी और इसके बावजूद नवोदय विद्यालय समिति इसे अपनी भूल स्वीकार करने के बजाय इस विपदा के दौरान कठोर निर्णय लिए जिससे विद्यालय के बहुत से कर्मचारियों को जान से हाथ धोना पड़ा। उक्त जानकारी नवोदय विद्यालय कर्मचारी कल्याण संघ के राष्ट्रीय संगठन सचिव मोहम्मद अयाज़ अंसारी ने दी। उन्होंने कहा कि जवाहर नवोदय विद्यालयों में कर्मचारियों ने जिस लगन और मेहनत से कार्य किया है, उसके अनुरूप इनके साथ जो हो रहा है वह प्रशासनिक छलावा के अलावा कुछ भी नहीं है , इस छलावे ने इन्हें आंतरिक रुप से कमजोर बना दिया है । प्रशासनिक स्तर या विभागीय स्तर से मृत परिवार के लोगों को आज तक कोई संवेदनात्मक सहयोग न मिलना एवं परिवार को सहयोग राशि न मिलना बेहद दुखदायी है । इसे प्रशासनिक विफलता के तौर पर देखा जा सकता है । जिन परिवारों ने अपनों को खोया है वे आज भी उम्मीद के सहारे ही जीने को मजबूर हैं । हाल ही में, नवोदय विद्यालय समिति मुख्यालय के नोटिफिकेशन के आधार पर नवोदय के कर्मचारियों से चंदा की वसूली की गई है, अब यह देखना है कि समिति इस राशि का वितरण, उन परिवारों के बीच करती है या नहीं, जिनका परिवार बिखर गया है ।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा ने पुरजोर मांग की है कि कोविड के कारण जिन कर्मचारियों की मृत्यु हुई है उन्हें विभाग पचास लाख रुपये अनुदान राशि, एक करोड़ का बीमा और तुरन्त ही अनुकम्पा नियुक्ति दे जिससे दुखी परिवार को सम्बल मिल सके ।
योगेन्द्र शर्मा ने कहा कि विभाग कर्मचारियों का सच्चा हितैषी बने और पूर्व की भांति यूनियन बैंक के जरिए वेतन की सुलभ व्यवस्था करे वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिंह ने कहा कि हम सब हर स्तर पर प्रयासरत है कि कोविड से प्रभावित परिवार की यथासंभव मदद की जा सके । साथ ही अविनाश राय राष्ट्रीय उपमहासचिव नवेवा ने बताया कि संगठन प्रत्येक परिवार से संपर्क कर वस्तुस्थिति का पता कर रहा है, इस कार्य में विशेष रूप से उमेश भारद्वाज, अरुण गौर, एम के सिंह, रवि आर्मो, एम आर शर्मा, अशोक कुल्हड़िया, प्रशान्त चंसोरिया, जे पी त्रिपाठी, दीपेश जैन आदि नवेवा टीम का सहयोग सराहनीय है ।
रिपोर्टःयोगेश अग्रवाल