
नवभास्कर न्यूज. फरीदाबादः हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी के संंबध मेंं एक अहम फैसला लेते हुए कहा है कि निकट भविष्य में अगर किसी व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु होती है, तो उसका शव परिजनों को नहीं दिया जाएगा। मृतक के धर्म अनुसार उसकी अंतिम क्रियाओं की जिम्मेदारी सरकार की होगी। रविवार को इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।गौरतलब है कि हरियाणा में अब तक कोरोना से एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है।
राज्य सरकार ने इटली, ब्रिटेन और जर्मनी आदि देशों का अध्ययन किया तो इस अध्ययन सेे पता चला कि वहां पर कोरोनावायरस के रोगियों की जब मृत्यु हुई, तो अंतिम संस्कार सरकार द्वारा ही करवाया जा रहा है। इसलिए रविवार को हरियाणा के स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों के साथ इस विषय पर एक बैठक की।बैठक के बाद विज ने बताया कि हरियाणा में कोरोना पॉजिटिव के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि अधिक संख्या मरकज से आए जमातियों की है।
सरकार की ओर से जिला प्रशासन व निकायों के अधिकारियों को नए आदेश जारी किए गए हैं। नए आदेशों में कहा गया है कि वे शमशानघाट और कब्रिस्तान के संचालकों को भी इस बारे में सूचित करें। शमशान घाट और कब्रिस्तान सेनेटाइज करवाने के भीआदेश दिया गया है। विज ने बताया कि निकायों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को संस्कार का जिम्मा सौंपा जाएगा। जो भी कर्मचारी संस्कार क्रिया को पूरा करेंगे, उन्हें पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट) किट मुहैया करवाई जाएगी। इतना ही नहीं, सरकार ऐसे कर्मचारियों को इन्सेंटिव भी देगी। संस्कार करने वाले कर्मचारियों को कितना प्रोत्साहन मिलेगा, इसकी घोषणा सरकार अगले सप्ताह कर सकती है। हिंदुओं का शमशान घाट में दाह-संस्कार होगा। वहीं मुसलमानों को कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। अनिल विज के अनुसार सरकार ने तय किया है कि कोरोना से मरने वाले लोगों का संस्कार शहरी स्थानीय निकाय विभाग करेगा। परिजनों को शव नहीं सौंपे जाएंगे।प्रदेश के कई शहरों में इलैक्ट्रॉनिक शवदाह गृह हैं। अगर कोरोनावायरस से किसी की मौत होती है, तो उसका संस्कार इसी में करवाना प्राथमिकता रहेगी। अगर किसी शहर में यह सुविधा नहीं है, तो लकड़ियों से दाह-संस्कार होगा।